Monday, October 4, 2010

सवागतम

अटकलों पर लग गया विराम
खुबसूरत लग रही शाम
आगाज हो गया ,खेलो के संग्राम का
लग रहा हैं ,भारत की शान में
चार चाँद
कहने वालो ने क्या -क्या नहीं ,कहा
कहना था ,उनका काम
भयभीत हुए बिना ,बढता रहा
जो कारवा
आज सममुख सबके है
विश्व में, भारत का
क्या है मुकाम
जियो उठो बढ़ो जीतो
छू लो गगन
है देश का ये पैगाम
भारत सारा कर रहा
कामनवेल्थ में आने वालो का
तहे-दिल से
स्वागतम स्वागतम स्वागतम
आर.विवेक
ब्लॉगर नाम -सफ़र-विवेक .ब्लागस्पाट.कॉम
-मेल-विवेक२१७४@जीमेल.com">-मेल-विवेक२१७४@जीमेल.com

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