Monday, November 29, 2010

वादा

सोने से पहले
बहुत दूर जाना है
किसी से किया है वादा
उसको निभाना है
बंद आँखों का क्या है भरोसा
वो खुले की न खुले
खुली आँखों से ही
मंजिल तक जाना है
मुझसे न हो ,किसी को कोई इतफाक
तो कोई बात नहीं

पर एतेफाकन कही, वो मिले
और तोहमत न लगाये
नाकमे वफ़ा का
यही सोच ,आखिरी सास तक चलते जाना है
सोने से पहले
बहुत दूर जाना है
------ आर .विवेक
_मेल-विवेक२१७४@जीमेल.com">_मेल-विवेक२१७४@जीमेल.com











Tuesday, November 9, 2010

कब कहा क्या हो जाय

कब कहा क्या हो जाय
न तुझको पता ,न मुझको पता
जो दे बता ,वह रब हो जाय
फिर भी,सपना लिए आखो में बढ़ते है लोग
कब कहा ये सच हो जाय
ओठो पे हसी या आखे नाम हो जाय
हो उदास ,तो देख लो जहा
कही कुछ ऐसा दिखे,
जो जिन्दगी जीने का मकसद बन जाय
कही तेरे ,मेरे मन की कुछ न हो
सब रब के मन की हो जाय
सफरे जिन्दगी में,सभाल सभाल के रखो कदम
न जाने कौन सा कदम आखिरी हो जाय
कब कहा क्या हो जाय
____आर.विवेक
_मेल-विवेक२१७४@जीमेल.com

महफ़िल-ऐ-शायरी

१) पहले मैं उनकी नजरो में कुछ था
अब कुछ भी नहीं
दरमया फासला बस इतना हुआ
पहले मैं कुछ था ,अब कुछ भी नहीं

२)हर एक ज़ख़्म मंजर-ऐ-दास्ता हैं
यह मत पूछ,दिल -ऐ-दर्द का ज़ख़्म कौन सा है

३) दिल से दिल का रिश्ता ,खौफ से मिटता नहीं
चाहे जितना ,दिल की दहलीज पे लगा लो ,तलवार का पहरा

४)मर्ज ये नहीं की मरीज है वो
मर्ज ये है की रकीब है वो
हसरत भी उसकी किसी से कम नहीं
पर हाथो में इमानदारी की जंजीर है जो

५)जानकर भी लोग अनजान बनते है
अपने ही बच्चो में हो,गर लड़की
तो उसकी जान पर बनते है
उन्हें खौफ भी नहीं इतना
रब के घर उनका अंजाम क्या होगा

६)क्यों कोई तेरे पास आएगा
सोच क्या तेरे साथ जायेगा
es मतलब परस्त दुनिया में
कोई तो होगा सच्चा
उसी के संग रह ,वाही तेरे साथ जायेगा

--आर.वीवेक
-मेल-विवेक२१७४@जीमेल.com