Saturday, May 29, 2010

बन्दूको के साये में

आखिर कब तक रहेगा
कायम जंगल राज
क्या इसी तरह बिछती रहेगी
लाशो पे लाश
कब तक मूकदर्शक बनकर
देखते रहेगे हम
और खबरों में पढते रहेगे
इन घटनावो के पीछे
छुपा है क्या राज ?
देश की बागडोर है जिनके हाथ
वो हो गए है बे-आवाज
सततालोलुप सोच रहे
किसी तरह बची रहे अपनी सत्ता
और चलता रहे अपना राज
कोई कहता ये लोग (नक्सली)
देश की आंतरिक सुराछा के लिए बड़ा खतरा है
कोई कहता ,देश की आंतरिक सुराछा देखना नहीं मेरा काम
मेरे सर पे है और कई कामकाज
आखिर कब , सत्तालोलुपो
तेरी मरी आत्मा जागेगी
आयेगी तुममे थोड़ी लाज
पुरको की क़ुरबानी की
कुछ तो रख लो लाज
खुद से ही प्रश्न पूछो
क्या देश बड़ा या ताज
क्या खोखले देश का कभी
हो पायेगा विकास
आवाज भी निकले तो
सिर्फ न निंदा करो
न दो आदेश सिर्फ जाच
कुछ काम करो ,जो
देश की जनता को आये कुछ रास
आखिर कब तक रहेगा
कायम जंगल राज
लिखने वाला आर .वीवेक
-मेल-विवेक२१७@जीमेल.com

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