Sunday, April 18, 2010

MADHUSHALA

कहते हैं लोग करती सेहत ख़राब है
फिर भी पीते शराब है
पल ख़ुशी का हो या गम का
बनी रहती हमराज है
ये जों शराब है ,ये जो शराब है
चदता तभी शबाब है
ज़ब होता कोई दबाब है
पूछे कोई एक सवाल
निकलता कई जबाब है
फिर भी सबसे अच्छी शराब है
दूर करती ,चेहरे पर लगा
जो नकाब है ,ये जो शराब है
इसकी तारीफ लाज़बाब है
कहते है लोग करती सेहत खराब है
फिर भी पीते शराब है
खुद अदावत करता
शरीर अपने आप से
कुछ करो अचछा
फिर भी ख़राब हो जाता ज़नाब से
पहले पीते रहे,शौक -शौक में
ज़ब देखा करीब आ गए ,मौत के
तब भी न हुए ,होश में
एक-एक करके न जाने
कितनी पी ली
दोस्त-दोस्त में
कहते है लोग करती सेहत ख़राब है
फिर भी पीते शराब है
लिखने वाला -आर.विवेक
इ-मेल-विवेक२१७४@जीमेल.com" href="mailto:-मेल-विवेक२१७४@जीमेल.com

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