Thursday, January 7, 2010

Zustazu-A-Manjil

आँखों में चमक
दिल में हैं,हसरत
की अभी अस्मा छूना हैं बाकी
चलना है बहुत दूर
तो किसका इंतज़ार है बाकी
निकले थे घर से
तो एक मेरा खुदा
और दूजा मेरा वजूद ही था काफी
औए यहाँ कोई नहीं ,किसी का है साथी
बस तकदीरे इबारत, हर किसी को
अपनी तदवीर से है लिखनी
आँखों में चमक
दिल में है हसरत
की अभी अस्मा छूना हैं बाकी
गिरते भी रहे, संभलते भी रहे ,
उठ-उठकर चलते भी रहे
वक़्त बे-वक़्त यह कहते भी रहे
की चलना है अभी बहुत दूर
तो किसका इंतजार है बाकी
अभी युवा हुए, पल दो पल ही हुए है
अभी तो दमदख दिखाना है बाकी
गर रहो में मिल जाये,गिर या समंदर भी
तो उन्हे कदमो तले लाना है बाकी
जुस्तजू है हर किसी को,
किसी न किसी की
मकसद असली मुकाम पर पहुचना है बाकी
चलना है बहुत दूर
तो किसका इंतजार है बाकी ||
Written by-R.Vivek
E-mail-Vivek2174@gmail.com

1 comment:

  1. good really exciting that now u r doing some thing well ,,,,,keep it up kyoki chalna hai bahut door to...kiska intajaar hai baki,,,

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