Sunday, July 31, 2011

दादी का मर्म

हे ललना कब करबा शादी

पढाई-लिखाई कै चक्कर मा

तोहार उमरिया बीत गयी आधी

फलनिया कै देखो ,खेलावत बाय परनाती जो है हमरी संग साथी

जेका देखो यही कहत बांटे,दादी भैया से पूछो

कब चली बाराती

ललना तोहरे खातीर

लड़की चंद्रमुखी देखे बांटी

हे ललना अब बोलो कब करबा शादी

डीएम -कलक्टर बनते रहना

पर अब सुन हम का कहत बांटी

दो -चार पल कै बस इय जग मा

हम MEHMAAN बांटी

काश इह जग से जाने से पहले

हमंहू परनाती खेलावाय का पाती

हे ललना बतावो कब करबा शादी




-आर.विवेक

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